एस.के.सिन्हा/एम.खान
नई दिल्ली :- पूर्वी दिल्ली के घड़ोली वार्ड के मयूर विहार फेस-3 स्थित डीडीए फ्लैटों में अवैध निर्माण अब बेकाबू होता जा रहा है और हालात इतने गंभीर हो चुके हैं कि लोगों ने दिल्ली जल बोर्ड की सीवर लाइन और पानी की पाइपलाइन तक को नहीं छोड़ा है.
मयूर विहार फेस-3 स्थित A3 में डीडीए फ्लैट को सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर फ्लैट को दिल्ली नगर निगम की मिली भगत से वर्षो बढ़ाया जा रहा है. लेकिन अब हालत यह है कि पानी की पाइपलाइन और सीवर लाइन को भी नहीं छोड़ा जा रहा है और उसके ऊपर भी मकान बढ़ाई जा रही है.
स्थानीय निवासियों के मुताबिक पहले फ्लैटों को पीछे की ओर बढ़ाया गया, फिर आगे फुटपाथ और सरकारी ज़मीन तक को कंक्रीट में बदल दिया गया और अब हालात इतने बिगड़ गए हैं कि बिल्डर माफिया पानी की पाइपलाइन और सीवर लाइन के ऊपर दीवार खड़ी कर फ्लैट को बड़ा कर रहे हैं.
स्थानीय विधायक कुलदीप कुमार ने डीडीए फ्लैटों में चल रहे ऐसे ही एक अवैध निर्माण का दौरा किया, जहां उन्होंने मौके पर सीवर लाइन के ऊपर निर्माण कार्य होते देखा. उन्होंने कहा की इससे न केवल जल आपूर्ति और सीवर सफाई व्यवस्था को ठप करेगा, बल्कि भविष्य में दुर्घटनाओं की बड़ी वजह भी बन सकता है.
इस पूरे प्रकरण में दिल्ली नगर निगम की कार्यशैली एक बार फिर सवालों के घेरे में है. जहां एक तरफ राजधानी को कूड़े, सीवर, प्रदूषण, अतिक्रमण,अवैध निर्माण से मुक्ति दिलाने की बातें होती हैं, वहीं दूसरी तरफ निगम अधिकारियों की चुप्पी और बिल्डर माफिया की मनमानी जमीनी स्तर पर इन दावों को झूठा साबित कर रही है.
नगर निगम और बिल्डर गठजोड़ का यह मामला एक बार फिर साबित करता है कि जब तक जवाबदेही तय नहीं होगी, तब तक दिल्ली में अतिक्रमण और अवैध निर्माण की समस्या यूं ही विकराल रूप लेती रहेगी.