एस.के.सिन्हा/एम.खान
नई दिल्ली :- पूर्वी दिल्ली के त्रिलोकपुरी इलाके में 29 साल पहले हुई जघन्य बलात्कार का मामला एक बार फिर से चर्चा में आ गया है. दरअसल मामले का आरोपी फरार हो गया था. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 29 साल पुराने जघन्य रेप केस में उम्रकैद की सजा काट रहे और डेढ़ साल से फरार चल रहे दोषी दुलीचंद को पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार कर लिया.
आरोपी को 1996 में चार साल की मासूम बच्ची के अपहरण और बलात्कार के मामले में अदालत ने आजीवन कठोर कारावास की सजा सुनाई थी. नवंबर 2023 में तिहाड़ जेल से उसे 14 दिन की फरलो पर छोड़ा गया था, लेकिन वह समय पर वापस नहीं लौटा और फरार हो गया। तब से वह अपनी पहचान बदलकर भाग-दौड़ भरी जिंदगी जी रहा था.
डीसीपी क्राइम ब्रांच विक्रम सिंह ने बताया कि आरोपी दुलीचंद (49) मूल निवासी गांव किलावा, थाना पनवाड़ी, जिला महोबा (उत्तर प्रदेश) है.
1996 में त्रिलोकपुरी थाने में एफआईआर नंबर 165/1996 धारा 365/366/376 आईपीसी के तहत दर्ज हुई थी. केस के अनुसार, उसने एक चार वर्षीय बच्ची का अपहरण कर उसके साथ बलात्कार किया. इस जघन्य अपराध के बाद उसे गिरफ्तार किया गया और मुकदमे की सुनवाई में दोषी पाए जाने पर अदालत ने उसे उम्रकैद की कठोर सजा सुनाई. वह तिहाड़ जेल नंबर-2 में सजा काट रहा था.
नवंबर 2023 में तिहाड़ प्रशासन ने उसे दो हफ्ते की फरलो दी, लेकिन आरोपी जेल वापस नहीं लौटा. जांच में सामने आया कि वह पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर इलाके में कड़ा रोड पर “संतोष मिस्त्री” नाम से रह रहा था. वहां उसने राज मिस्त्री का काम शुरू कर दिया था और डेढ़ साल से गुपचुप रहकर अपनी असली पहचान छिपाए हुए था.
डीसीपी विक्रम सिंह के अनुसार, आरोपी को पकड़ने के लिए ईआर-2 क्राइम ब्रांच की टीम ने उन्नत तकनीकी निगरानी साधनों का इस्तेमाल किया.
मोबाइल और अन्य तकनीकी विश्लेषण से आरोपी की लोकेशन दुर्गापुर में चिन्हित हुई. एसआई इंदरवीर सिंह ने आरोपी की सारी जानकारी जुटाई और फिर एएसआई अश्विनी व एएसआई सोमनाथ के साथ मिलकर एक विशेष टीम तैयार की गई.
इंस्पेक्टर उमेश राणा के नेतृत्व और एसीपी यशपाल सिंह के निर्देशन में टीम पश्चिम बंगाल भेजी गई. वहां तकनीकी व मानवीय खुफिया जानकारी जुटाकर आरोपी को किराए के मकान से दबोच लिया गया.
पूछताछ में पता चला कि दुलीचंद आठवीं तक पढ़ा हुआ है, अविवाहित है और अपने दो भाइयों के साथ महोबा का रहने वाला है.
फरार रहने के दौरान वह मजदूरी कर गुजारा कर रहा था और संतोष मिस्त्री के नाम से इलाके में पहचान बनाए हुए था.
क्राइम ब्रांच ने आरोपी को गिरफ्तार कर दोबारा तिहाड़ जेल में दाखिल करा दिया है.
डीसीपी विक्रम सिंह ने कहा कि इतने लंबे समय तक फरार रहने के बावजूद आखिरकार आरोपी को कानून के शिकंजे में लाया गया. यह गिरफ्तारी क्राइम ब्रांच टीम की मेहनत, तकनीकी कौशल और समर्पण का नतीजा है.