नई दिल्ली :-
शाहदरा के जीटी रोड पर कांवड़ मार्ग पर कांच के टुकड़े मिलने को लेकर साजिश की जो आशंका भाजपा नेताओं द्वारा जताई गई थी, पुलिस जांच में वह निराधार साबित हुई है. शाहदरा जिला पुलिस ने मामले की गंभीरता से जांच करते हुए पूरी स्थिति साफ कर दी है.
पुलिस की जांच में सामने आया है कि यह कोई साजिश नहीं, बल्कि एक हादसा था. रिक्शा चालक कुसुम पाल नामक व्यक्ति, जो यूपी के शालीमार गार्डन का निवासी है, 19 गैस गिलास लेकर शाहदरा की ओर आ रहा था। GT रोड पर पहुंचते ही उसका रिक्शा डगमगाया और गिलास गिरकर सड़क पर टूट गए. पुलिस ने कुसुम पाल को हिरासत में ले लिया है और उससे पूछताछ की जा रही है.
डीसीपी शाहदरा की विस्तृत जानकारी
शाहदरा जिला के डीसीपी प्रशांत गौतम ने बताया कि घटना की जानकारी 12 जुलाई की शाम 6:25 बजे सीमापुरी SDM द्वारा साझा एक वीडियो के माध्यम से पुलिस को मिली थी. इस वीडियो में चितरमणि चौक से झिलमिल मेट्रो स्टेशन तक सड़क पर कांच बिखरे होने का दावा किया गया था.
बाद में जांच में सामने आया कि यह वीडियो 10 जुलाई की रात 8:30 बजे का है, जिसे पियूष नामक युवक (निवासी: नंद नगरी) ने बनाया था. पियूष ने बताया कि यह जानकारी उसे उसके मित्र मोंटू ने दी थी.
मौके का निरीक्षण और प्राथमिक कार्रवाई
सूचना मिलते ही 12 जुलाई को सीमापुरी एसीपी प्रशांत गौतम ने मौके का निरीक्षण किया, जहां कुछ टूटे हुए कांच के टुकड़े मिले. वहां मौजूद नगर निगम (MCD) कर्मचारियों ने बताया कि उन्होंने 12 जुलाई की सुबह ही अधिकांश कांच के टुकड़े साफ कर दिए थे.
पीडब्ल्यूडी की रिपोर्ट और प्राथमिकी दर्ज
12 जुलाई रात 11:39 बजे PWD के जूनियर इंजीनियर अविनाश प्रताप सिंह ने सीमापुरी थाने में PCR कॉल की, जिसे डीडी संख्या 130 में दर्ज किया गया.इसके आधार पर सीमापुरी थाने में मामला दर्ज किया गया.
भाजपा नेताओं ने जताई थी साजिश की आशंका
जीटी रोड पर कांवड़ यात्रा के मार्ग पर कांच मिलने की इस घटना को लेकर स्थानीय भाजपा विधायक संजय गोयल से लेकर दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा तक ने इसे एक साजिश करार दिया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि किसी ने जानबूझकर कांवड़ियों को नुकसान पहुंचाने की नीयत से यह काम किया.
पुलिस ने किया आरोपों का खंडन
हालांकि, शाहदरा जिला पुलिस की जांच में यह साबित हो गया कि यह पूरी तरह से एक दुर्घटनावश हुई घटना थी, न कि किसी सुनियोजित साजिश का हिस्सा. पुलिस सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो, लोकल जानकारी और साक्ष्यों के आधार पर अब भी जांच कर रही है, लेकिन शुरुआती निष्कर्ष स्पष्ट रूप से साजिश की बात को नकारते हैं.