नई दिल्ली:-
पूर्वी दिल्ली स्थित डीएवी स्कूल गांधी नगर में राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस बड़े ही उत्साह के साथ मनाया गया. यह दिवस 23 अगस्त 2023 को भारत के चंद्रयान-3 मिशन की ऐतिहासिक सफलता की स्मृति में मनाया जाता है. इस अवसर पर विद्यालय प्रांगण में विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया, जिसमें विद्यार्थियों और शिक्षकों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया.
प्रार्थना सभा को संबोधित करते हुए विद्यालय के आचार्य विवेक भारती जी ने कहा कि अंतरिक्ष में निरंतर कई प्रकार की घटनाएं घटित होती रहती हैं, जिनका अध्ययन करने के लिए उपग्रह भेजे जाते हैं। ये घटनाएं पृथ्वी पर रहने वाले जीव-जंतुओं और पर्यावरण को भी प्रभावित करती हैं. इसलिए इनका अध्ययन आने वाले भविष्य के लिए बेहद उपयोगी है. उन्होंने कहा कि भारत भी लगातार अंतरिक्ष मिशन को आगे बढ़ाने की दिशा में प्रयासरत है और इस क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छू रहा है.
उन्होंने विद्यार्थियों को अंतरिक्ष विज्ञान की ऐतिहासिक उपलब्धियों से अवगत कराते हुए बताया कि भारत ने अपना पहला उपग्रह ‘आर्यभट्ट’ वर्ष 1975 में अंतरिक्ष में भेजा था.इसके बाद से भारत ने लगातार अंतरिक्ष के क्षेत्र में नई उपलब्धियां हासिल की हैं। चंद्रमा पर यान भेजने वाला भारत दुनिया का पांचवां देश है, लेकिन चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर यान भेजने वाला पहला देश होने का गौरव भारत ने हासिल किया.
आचार्य विवेक भारती ने यह भी उल्लेख किया कि भारत दुनिया का इकलौता ऐसा देश है जिसने एक ही साथ 104 उपग्रहों को अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भारत अंतरिक्ष क्षेत्र में और भी बड़ी छलांग लगाने वाला है. अगले 10 वर्षों में भारत अपने स्वयं के स्पेस सेंटर की स्थापना करने जा रहा है और वर्ष 2040 तक भारत चंद्रमा पर मानवयुक्त उपग्रह भेजने की योजना भी बना रहा है.
इस अवसर पर विद्यालय अध्यक्ष नरेश शर्मा, प्रबंधक गिरिजेश रस्तोगी, प्रधानाचार्य लखी राम, गणित आचार्य सतीश शर्मा, सुनील जैन और ओ. पी. यादव सहित अनेक गणमान्य उपस्थित रहे। कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों को अंतरिक्ष विज्ञान के महत्व और भारत की उपलब्धियों से अवगत कराना था.