नई दिल्ली :- उत्तर‑पूर्वी दिल्ली से सांसद मनोज तिवारी सोमवार को लोकसभा में व्हीलचेयर पर पहुंचे और वीडियो क्लिप अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट की. इस वीडियो में वे स्पष्ट रूप से व्हीलचेयर से लोकसभा परिसर से निकलते दिख रहे हैं और दोनों पैरों पर बैंडेज भी नजर आ रहे हैं.
मनोज तिवारी ने वीडियो के साथ सोशल मीडिया पर लिखा:
“कांवड़ यात्रा के बाद पार्लियामेंट में जाना हुआ”.
इससे पहले कांवड़ यात्रा का संदर्भ उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर साझा किया था, जिसमें उन्होंने बताया:
“आज 31 जुलाई मैं 30 साल बाद एक बार फिर कांवड़ उठाकर बाबा बैद्यनाथ धाम जा रहा हूं. बिहार के सुल्तानगंज से दो बजे जल उठाकर नंगे पांव लगभग 110 किमी पैदल चलूंगा… देवघर बाबा धाम में 2 या 3 अगस्त को जल चढ़ाऊंगा.
इस कठिन यात्रा के दौरान पैदल 110 किलोमीटर के मार्ग को तय करते हुए उनके दोनों पैर चोटग्रस्त हो गए, जिसके कारण लोकसभा में व्हीलचेयर का सहारा लेना पड़ा.
स्थानीय समर्थकों और जनता ने उनकी इस यात्रा को “जोश, श्रद्धा और संकल्प की मिसाल” बताया है वहीं, कई उपयोगकर्ताओं ने सोशल मीडिया पर कमेंट किया कि यह प्रेरणा बच्चों और युवाओं के लिए भी एक संदेश है—कि धर्म और सेवा दोनों साथ चलते हैं।
वीडियो में उनका यही भाव व्यक्त हुआ कि चाहे यात्रा कठिन रही हो, लेकिन जिम्मेदारी से नहीं लौटना चाहिएदोनों पैर जख्मी होने के बावजूद वे संसद पहुँचे, जो उनके समर्पण और लोककार्य की भावना को दर्शाता है.
मनोज तिवारी की इस वीडियो को देखकर सोशल मीडिया यूजर उनकी जमकर प्रशंसा कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि एक तरफ जहां मनोज तिवारी अपना धर्म निभाते हुए भगवान भोलेनाथ के द्वार पर जाने के लिए 100 किलोमीटर से ज्यादा लंबी पैदल कावड़ यात्रा की. वहीं दूसरी तरफ अपना राजधर्म निभाने हुए घायल होने के बावजूद बिना किसी प्रवाह के व्हीलचेयर से लोकसभा पहुंचे. उनका पर पूरी तरीके से जख्मी हो गया है इसके बावजूद उन्होंने आराम करने के बजाय लोकसभा की कार्यवाही में हिस्सा लेना जरूरी समझा.