एस.के.सिन्हा/एम.खान
नई दिल्ली :- पूर्वी दिल्ली के गांधीनगर इलाके में करोड़ों की जमीन पर अवैध कब्जे की कोशिश की जा रही है. सरकारी पार्क के लिए चिन्हित जमीन वर्षों से कूड़ा दान बना हुआ है. दिल्ली नगर निगम की उदासीनता की वजह से यह जमीन भू माफिया के नजरों में चढ़ गया है. भू माफिया ने इस जमीन पर कब्जा करने के लिए रात के अंधेरे में उसकी चार दिवारी को तोड़ने की कोशिश की. लेकिन स्थानीय निवासियों के सतर्कता सतर्कता की वजह से वह कामयाब नहीं हो पाए. क्षेत्र के लोगों का कहना है कि दिल्ली नगर निगम अगर पार्क के लिए निर्धारित इस जमीन पर पार्क बना दिया होता तो आज क्षेत्र के लोगों को भी सुविधा मिलती और भू माफिया भी इस पर नजर नहीं डालते.
पूर्व मेयर श्याम सुंदर अग्रवाल ने गांधी नगर में सरकारी ज़मीनों पर हो रहे अवैध कब्जों पर जताई गहरी चिंता जहिर की है. उन्होंने इस पूरे मामले को दिल्ली नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष रखा है.
श्याम सुंदर अग्रवाल ने बताया कि
दिल्ली के गांधी नगर वार्ड में एक बड़ा मामला सामने आया जब गांधी नगर थाने के पीछे स्थित 670 गज के सरकारी प्लॉट पर कुछ भूमाफिया जेसीबी मशीन के साथ कब्जा करने पहुंच गए. स्थानीय लोगों की सतर्कता से कब्जे की कोशिश नाकाम हो गई, लेकिन यह घटना एक बड़ी साजिश की ओर इशारा करती है. उन्होंने बताया कि गांधीनगर थाना के पीछे मौजूद प्लॉट नगर निगम के नक्शे में पार्क के लिए चिह्नित है और इसकी कीमत करोड़ों में है.
पूर्व महापौर श्याम सुंदर अग्रवाल ने कहा की “पिछले दो वर्षों से गांधी नगर में भूमाफिया सक्रिय हैं, जो लगातार सरकारी ज़मीनों पर कब्जा कर रहे हैं और प्रशासन मूक दर्शक बना हुआ है.
उन्होंने बताया कि इससे पहले राजगढ़ कॉलोनी की एक गली में अवैध रूप से चार मंज़िला इमारत खड़ी कर दी गई थी, जिसे कोर्ट के आदेश के बाद सील करवाया गया.धर्मपुरा इलाके में भी 102 गज की सरकारी ज़मीन पर कब्जा हो चुका है.
स्थानीय निवासी मनीष भारद्वाज और अन्य नागरिकों ने पुष्टि की कि यह ज़मीन बचपन से ही खाली पड़ी हैं और यह पार्क के नाम पर रही है. लोगों ने कहां की इस क्षेत्र में कोई पार्क नहीं है. ऐसे में इस पर की जमीन को अगर डेवलप किया जाता है तो क्षेत्र के बच्चों बुजुर्गो को और महिलाओं को बहुत फ़ायदा होगा.