नई दिल्ली :- पूर्वी दिल्ली जिले में कावड़ यात्रा की तैयारियों को लेकर मंगलवार दोपहर 12 बजे जिला मुख्यालय पर प्रशासन और कावड़ समितियों के बीच विशेष बैठक आयोजित हुई.
इस बैठक में जिलाधिकारी अनमोल श्रीवास्तव, एसडीएम संजय कुमार, जल बोर्ड, बीएसईएस, पुलिस और ट्रैफिक विभाग के अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में सभी कावड़ समितियों से जुड़े प्रतिनिधियों ने भाग लिया.
प्रशासन की ओर से जानकारी दी गई कि जल बोर्ड पानी उपलब्ध करा रहा है, बीएसईएस बिजली कनेक्शन दे रहा है, पुलिस सुरक्षा की व्यवस्था में लगी है और ट्रैफिक पुलिस यातायात प्रबंधन देख रही है। एसडीएम संजय कुमार ने बताया कि एक साझा व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया है, जिसमें सभी समितियां जुड़ी हैं ताकि उनकी शिकायतों का तुरंत समाधान हो सके.
लेकिन बैठक के बाद कावड़ समितियों ने दिल्ली सरकार की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने शुरू में बड़े-बड़े वादे किए थे लेकिन अब महज 50,000 से 1,00,000 तक की आर्थिक मदद दी जा रही है,
जो जनरेटर चलाने तक के लिए भी पर्याप्त नहीं है. उन्होंने कहा कि इससे अच्छा तो हम खुद अपने संसाधनों से टेंट लगाएं और व्यवस्था करें.
कई समितियों ने साफ तौर पर कहा कि “इससे तो पिछली सरकार यानी आम आदमी पार्टी की सरकार ही ठीक थी, जो कम से कम टेंट की सुविधा देती थी.
भाजपा से हमें ज्यादा उम्मीदें थीं, लेकिन अब लगता है वह सिर्फ घोषणाओं तक सीमित है. दिल्ली में भगवान शिव के भक्तों के लिए टेंट भी नहीं लगवा पा रही.
कोंडली पुल पर कावड़ शिविर लगाने वाले नें कहा की महज 50 हजार का चेक मिला है. प्रशासन से पैसा बढ़ाने के लिए कहा गया तो बोला गया कि जो मिल गया वह मिल गया.उन्होंने कहा की वह चेक को वापस करेंगे,
जय भोले कावड़ सेवा समिति के ट्रस्टी मोनू चौधरी नें बताया की भाजपा सरकार आएगी तो सोचा था अच्छी सुविधा मिलेगी लेकिन भाजपा सरकार उन्हें मदद के नाम पर एक लाख रूपये दें रही है. इससे कुछ नहीं होता इससे अच्छा तो पिछली सरकार थी जो कम से कम टेंट लगा कर देती थी.,
प्रशासन ने भले ही सुविधाएं देने का भरोसा जताया हो, लेकिन ज़मीनी स्तर पर कावड़ समितियों में नाराजगी साफ झलक रही है.