एस.के.सिन्हा/एम.खान
नई दिल्ली :-दिल्ली के आनंद विहार थाना क्षेत्र स्थित विकास मार्ग पर कोसमॉस हॉस्पिटल में शनिवार दोपहर आग लगने से एक अस्पताल कर्मचारी की मौत हो गई. जबकि दो अन्य कर्मचारी और आठ मरीजों को समय रहते सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया.
पुलिस के अनुसार, दोपहर 12:20 बजे पीसीआर कॉल के जरिए सूचना मिली कि अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर स्थित सर्वर रूम में आग भड़क गई है. सूचना मिलते ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंची. आग पर काबू करने के लिए दमकल की टीम को बुलाया गया.
दमकल की गाड़ियों की मदद से आग पर काबू पाया गया. इस दौरान अस्पताल में भर्ती आठ मरीजों को नजदीकी पुष्पांजलि हॉस्पिटल में शिफ्ट किया गया. वहीं, तीन अस्पताल कर्मचारी— अमित (हाउसकीपिंग), हर देवी और नरेश (डायलिसिस रूम स्टाफ)— को भी सुरक्षित बाहर निकाल कर इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया. हरदेव,नरेश और मरीजों की हालत स्थिर बताई जा रही है, लेकिन अमित को अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया।
जांच में सामने आया कि अमित शुरू में अस्पताल की छत पर था, लेकिन बाद में किसी कारणवश तीसरी मंज़िल के बाथरूम में जाकर खुद को अंदर बंद कर लिया। दम घुटने से उसकी मौत हो गई. पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
गौरतलब है कि इससे पहले भी राजधानी के विवेक विहार इलाके में एक निजी अस्पताल में आग लगने से बड़ा हादसा हुआ था, जिसमें कई मासूम नवजात शिशुओं की जान चली गई थी. उस घटना ने न केवल अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही को उजागर किया था बल्कि दिल्ली में अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए थे. अब कोसमॉस हॉस्पिटल की घटना ने एक बार फिर यह साफ कर दिया है कि आग से सुरक्षा को लेकर निजी स्वास्थ्य संस्थानों में पर्याप्त इंतज़ाम नहीं किए जा रहे हैं.
दोनों घटनाओं के बाद स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन के सामने यह चुनौती है कि अस्पतालों में अग्नि सुरक्षा मानकों को सख्ती से लागू कराया जाए ताकि मरीजों और स्टाफ की जान खतरे में न पड़े.