यमुनापार में एनकाउंटर :- पुलिसकर्मियों पर हमला कर फरार हुए बदमाश के साथ पुलिस की मुठभेड़, गोली लगने से बदमाश घायल

Yamunapaar Desk

नई दिल्ली :- पूर्वी दिल्ली में पुलिस टीम पर जानलेवा हमला कर फरार हुआ एक वांटेड बदमाश आखिरकार पुलिस की गिरफ्त में आ गया.
खेमचंद उर्फ समीर नामक यह शातिर बदमाश सोमवार देर रात पूर्वी जिला पुलिस और एंटी नारकोटिक्स स्क्वॉड की संयुक्त कार्रवाई के दौरान एक मुठभेड़ में घायल हो गया.

डीसीपी अभिषेक धानिया नें बताया की सूचना मिली थी कि खेमचंद अपने साथियों से मुलाकात के लिए पेपर मार्केट इलाके में आने वाला है. इस पर पुलिस ने मौके पर घेराबंदी की और जैसे ही आरोपी वहां पहुंचा, उसे रुकने का इशारा किया गया.

लेकिन उसने पहले खुद को पुलिस अधिकारी बताने की कोशिश की और फिर भागने लगा. जब उसे फिर से रोका गया, तो उसने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी. पुलिस ने भी आत्मरक्षा में जवाबी फायरिंग की, जिसमें खेमचंद घायल हो गया. उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के बाद उसे छुट्टि दें दी है.

डीसीपी नें बताया की खेमचंद की तरफ से चार राउंड फायरिंग की गई, उसके इस फायरिंग में दो पुलिसकर्मी को गोली लगी. गनीमत रही कि दोनों पुलिस कर्मियों ने बुलेट प्रूफ जैकेट पान रखा था. जिनकी वजह से उनकी जान बच गई. जवाबी कार्रवाई में दोनों कांस्टेबल ने एक एक गोली चलाई. एक गोली खेमचंद के पैर में जा लगी और उसे दबोच लिया गया.

डीसीपी नें बताया खेमचंद की तलाश पुलिस को बीते 17-18 जुलाई की रात से ही थी, जब आनंद विहार आईएसबीटी के पास सर्विस रोड पर रूटीन गश्त कर रही पुलिस टीम पर उसने अपने साथियों के साथ मिलकर अचानक हमला कर दिया था.

बाइक पर सवार तीन संदिग्ध युवकों को ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करते देख एएसआई मोहम्मद कासिम और कांस्टेबल कृष्णपाल ने उन्हें रोका था.जैसे ही दोनों पुलिस कर्मियों ने उन्हें पड़कर जिप्सी में बैठने की कोशिश की तो आरोपियों ने पुलिस की लाठी छीनकर दोनों पुलिसकर्मियों के सिर पर वार किए और उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया.

इतना ही नहीं, हमलावरों ने एएसआई का मोबाइल फोन, पर्स, सरकारी दस्तावेज और नकदी भी लूट ली थी और अपनी बाइक छोड़ मौके से फरार हो गए थे.

घायलों को मौके पर मौजूद हेड कांस्टेबल सचिन की मदद से एलबीएस अस्पताल पहुंचाया गया था. घटना के संबंध में थाना पीआईए में एफआईआर दर्ज की गई और क्राइम टीम के साथ-साथ फोरेंसिक विशेषज्ञों को जांच में लगाया गया.

घटना की संवेदनशीलता को देखते हुए दो विशेष टीमें बनाई गईं। एक टीम एंटी नारकोटिक्स स्क्वॉड और दूसरी स्पेशल स्टाफ ईस्ट की थी.

इन टीमों ने सीसीटीवी फुटेज, तकनीकी सर्विलांस और अन्य सुरागों के माध्यम से आरोपी की पहचान की और आखिरकार उसके ठिकाने तक पहुंचने में सफलता हासिल की.

डीसीपी के मुताबिक
खेमचंद का आपराधिक रिकॉर्ड काफी लंबा है। वह झारखंड के गोड्डा जिले का मूल निवासी है और वर्तमान में बुराड़ी के संत नगर में रहता है। अब तक उस पर लूट, अवैध हथियार, पुलिस पर हमला जैसे करीब 15 संगीन मुकदमे दर्ज हैं। वह स्मैक और शराब का आदी है और अक्सर दिल्ली के रेलवे स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म टिकट लेकर आम नागरिकों की तरह रात गुजारता था ताकि पुलिस की नजर से बच सके। पूछताछ में उसने अपना नाम बदलने की कोशिश भी कबूल की है, जिससे वह पुलिस को गुमराह कर सके.

मुठभेड़ के दौरान खेमचंद के पास से एक लोडेड पिस्टल, छह कारतूस और एक चोरी की गई TVS Apache मोटरसाइकिल बरामद हुई है। आरोपी ने पुलिस पर चार राउंड गोलियां चलाईं,

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