नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने अवैध रूप से भारत में रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत पूर्वी दिल्ली में एक बड़ी सफलता हासिल की है. इस कार्रवाई में मंडावली, मयूर विहार, कल्याणपुरी, गाजीपुर और आनंद विहार जैसे क्षेत्रों से कुल 83 बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिया गया. इनमें 44 महिलाएं, 39 पुरुष और 33 नाबालिग शामिल हैं.
पुलिस की जांच में पाया गया कि ये सभी लोग बिना वैध दस्तावेजों के दिल्ली में रह रहे थे.उनके पास भारत में रहने या प्रवेश करने का कोई अधिकृत प्रमाण पत्र नहीं था. पूछताछ के दौरान सामने आया कि ये लोग भारत-बांग्लादेश सीमा पर नदी मार्गों के जरिए अवैध रूप से देश में दाखिल हुए थे और दिल्ली की विभिन्न झुग्गी-बस्तियों में गुपचुप तरीके से रह रहे थे.
पूर्वी दिल्ली के डीसीपी अभिषेक धानिया ने बताया कि इस अभियान के लिए एक विशेष पुलिस टीम का गठन किया गया था, जिसका नेतृत्व इंस्पेक्टर जितेंद्र मालिक ने किया.
एसीपी (ऑपरेशंस) पवन कुमार के मार्गदर्शन में 24 जून को गुप्त सूचनाओं और तकनीकी निगरानी के आधार पर विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की गई.
इस दौरान संदिग्धों के मोबाइल फोनों से बांग्लादेशी नागरिकता से संबंधित दस्तावेज, तस्वीरें और अन्य डिजिटल साक्ष्य बरामद किए गए.
पुलिस के अनुसार, हिरासत में लिए गए सभी लोग बांग्लादेश के कुरिग्राम और टांगाइल जिलों के निवासी हैं और लंबे समय से दिल्ली में रह रहे थे। इनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की गई है.
सभी को विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (FRRO) के माध्यम से वापस बांग्लादेश भेजने की प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है. नाबालिगों के मामले में बाल कल्याण समिति के दिशा-निर्देशों के अनुसार उचित कदम उठाए गए हैं.
डीसीपी धानिया ने बताया कि यह कार्रवाई पिछले वर्ष 19 नवंबर से शुरू हुए विशेष अभियान का हिस्सा है, जिसके तहत अब तक 120 से अधिक अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिया जा चुका है.
दिल्ली पुलिस ने स्पष्ट किया कि अवैध अप्रवासियों की पहचान और उनके खिलाफ कार्रवाई का सिलसिला आगे भी जारी रहेगा। पुलिस ने यह भी जोर दिया कि आंतरिक सुरक्षा के मुद्दों पर किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती जाएगी.