नई दिल्ली :- शाहदरा जिला स्थित फर्श बाजार थाने की पुलिस ने मानवीय संवेदनाओं का एक अनुकरणीय उदाहरण पेश करते हुए तीन साल से लापता एक बच्चे को सकुशल ढूंढ निकाला और उसके परिजनों से मिलवाकर एक बिछड़ा परिवार फिर से एकजुट कर दिया है.
शाहदरा जिला के डीसीपी प्रशांत गौतम ने बताया कि
13 वर्षीय शंकर शाह जनवरी 2023 से लापता था. परिवार की शिकायत पर 30 जनवरी 2023 को अपहरण की धाराओं में मामला दर्ज किया गया था.
इस मामले की जांच एएसआई नफीस मोहम्मद और एचसी लव कुश को सौंपी गई. थाना प्रभारी इंस्पेक्टर अजय करण शर्मा के नेतृत्व और एसीपी विजय कुमार नगर की देखरेख में एक बारीक और सतत जांच की गई.
हर दरवाज़ा खटखटाया – हर माध्यम अपनाया
पुलिस टीम ने इस केस में कोई कसर नहीं छोड़ी. देशभर के एसएसपी, डीसीपी और दिल्ली के सभी थानों को सूचना भेजी गई.सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए, दूरदर्शन पर तस्वीर प्रसारित कराई गई, समाचार पत्रों में विज्ञापन छपवाए गए, सीबीआई और एनसीआरबी को भी जानकारी दी गई.
हर प्रमुख स्थान पर ‘ह्यू एंड क्राई’ नोटिस चिपकाए गए, पुलिस और चाइल्ड वेलफेयर कमेटियों के वॉट्सऐप ग्रुप्स में भी सूचना प्रसारित की गई
सटीक सूचना और त्वरित कार्रवाई से मिला सुराग
20 मई 2025 को पिता को एक अनजान नंबर से कॉल आई. पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए कॉल डिटेल रिकॉर्ड निकाले और लोकेशन ट्रेस की. लगातार प्रयासों से आखिरकार 12 जून 2025 को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के नाकुड़ थाना क्षेत्र के फेरु माजरा गांव में बच्चे को खोज निकाला गया
ढाबे पर काम कर रहा था बच्चा
बच्चे ने बताया कि घर पर डांट मिलने के बाद वह आनंद विहार रेलवे स्टेशन पहुंचा और बिना गंतव्य जाने एक ट्रेन में चढ़ गया, जो उसे सहारनपुर ले गई.वहां वह एक ढाबे पर काम करने लगा और वहीं रहने लगा.
13 जून को सभी कानूनी प्रक्रिया के बाद बच्चे को उसके माता-पिता से मिलवाया गया. इस भावुक क्षण में पुलिस की भूमिका एक रक्षक से बढ़कर परिवार के सदस्य जैसी प्रतीत हुई.
सम्मान और सराहना के पात्र
इस केस में जिस प्रकार फर्श बाजार थाने की टीम ने तीन वर्षों तक अडिग रहकर अथक प्रयास किए, वह पुलिस की संवेदनशीलता, तकनीकी दक्षता और मानवता को दर्शाता है.
