नई दिल्ली :-
दिल्ली नगर निगम की अस्थायी समिति की बुधवार को हुई बैठक में शाहदरा साउथ ज़ोन के उपायुक्त बादल कुमार की कार्यशैली पर सवाल खड़े हुए.
पार्षदों द्वारा लगाए गए आरोपों के अनुसार उपायुक्त पार्षदों के कॉल तक रिसीव नहीं करते, जिससे क्षेत्रीय समस्याओं को लेकर संवाद स्थापित करना मुश्किल हो गया है. इस मुद्दे को झिलमिल वार्ड से पार्षद और स्थायी समिति के सदस्य पंकज लूथरा ने बैठक में उठाया.
उन्होंने कहा कि शाहदरा साउथ ज़ोन के कई पार्षद इस बात से आहत हैं कि उपायुक्त बादल कुमार उनका फोन तक उठाना जरूरी नहीं समझते. बार-बार फोन करने के बावजूद ना तो उनका कॉल रिसीव किया जाता है और ना ही बाद में जवाब मिलता है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पार्षद जनता के प्रतिनिधि हैं और वे निजी कार्य के लिए अधिकारियों को कॉल नहीं करते, बल्कि क्षेत्र की समस्याओं और जनहित के मामलों पर तुरंत बातचीत की आवश्यकता होती है.
इस शिकायत को बैठक की अध्यक्षता कर रहीं समिति अध्यक्ष सत्या शर्मा ने गंभीरता से लिया और बैठक में उपस्थित उपायुक्त बादल कुमार को निर्देशित किया कि वे सभी पार्षदों के फोन अनिवार्य रूप से उठाएं.
उन्होंने सख्त लहजे में कहा,
“पार्षद जनता की आवाज़ होते हैं. अधिकारियों का दायित्व है कि वे जनप्रतिनिधियों के साथ समन्वय बनाए रखें. कॉल उठाना और उचित संवाद बनाए रखना प्रशासनिक जवाबदेही का हिस्सा है.”
बैठक में दिल्ली नगर निगम के आयुक्त, अतिरिक्त आयुक्त सहित सभी जोन के उपायुक्त भी उपस्थित थे.
अध्यक्ष सत्या शर्मा ने यह भी निर्देश दिया कि सभी जोन में पार्षदों के साथ सम्मानजनक व्यवहार किया जाए और किसी भी अधिकारी द्वारा उपेक्षा की प्रवृत्ति को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
बैठक में पार्षदों ने उम्मीद जताई कि इस चेतावनी के बाद अधिकारियों का रवैया बदलेगा और जनप्रतिनिधियों के माध्यम से जनता की समस्याओं का समाधान प्रभावी ढंग से हो सकेगा.