नई दिल्ली :- भारतीय जनसंघ के संस्थापक और पहले अध्यक्ष डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस पर भाजपा शाहदरा ज़िला द्वारा सोमवार को एक भव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया.
इस अवसर पर नई दिल्ली से सांसद व भाजपा नेता बांसुरी सुषमा स्वराज ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि “स्वतंत्र भारत के पहले शहीद” डॉ. मुखर्जी का सपना आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में साकार हो रहा है.
सांसद बांसुरी स्वराज ने कहा कि 1953 में 23 जून के दिन जब जम्मू-कश्मीर में परमिट व्यवस्था का विरोध करते हुए डॉ. मुखर्जी को गिरफ्तार किया गया था, उसके बाद रहस्यमय परिस्थितियों में श्रीनगर की जेल में उनकी मृत्यु हो गई थी.
उन्होंने कहा कि धारा 370 और 35A को हटाना, डॉ. मुखर्जी के ‘एक विधान, एक प्रधान, एक निशान’ के संकल्प की पूर्ति है, जो हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने पूरी की.
उन्होंने डॉ. मुखर्जी को एक महान राष्ट्रवादी नेता बताते हुए कहा कि वे अविभाजित बंगाल के पूर्व मंत्री रहे और बाद में नेहरू मंत्रिमंडल में शामिल होने के बावजूद, जब उन्हें लगा कि देशहित से समझौता हो रहा है, तो उन्होंने त्यागपत्र देकर विरोध का रास्ता चुना.
पूर्व महापौर निर्मल जैन और ज़िला अध्यक्ष दीपक मदनलाल गाबा ने भी डॉ. मुखर्जी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि 11 मई 1953 को उन्हें जम्मू-कश्मीर में बिना परमिट प्रवेश करने पर गिरफ्तार किया गया था और लगभग एक महीने बाद 23 जून को रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी मृत्यु हो गई.
भाजपा नेताओं ने इसे बलिदान करार देते हुए इसे राष्ट्र की एकता और अखंडता के लिए ऐतिहासिक क्षण बताया।
इस कार्यक्रम में भाजपा के वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में मौजूद रहे.
मुख्य अतिथि के रूप में सांसद बांसुरी स्वराज के अलावा भाजपा शाहदरा ज़िला अध्यक्ष दीपक मदनलाल गाबा, ज़िला प्रभारी डॉ. अनिल गुप्ता, विधायक संजय गोयल, पूर्व महापौर निर्मल जैन, प्रदेश मंत्री सारिका जैन, प्रदेश प्रवक्ता ममता त्यागी, नितिन त्यागी, प्रवक्ता एडवोकेट भारत गौड़, कार्यक्रम संयोजक सुशील उपाध्याय, सह-संयोजक वर्षा जायसवाल, युवा मोर्चा अध्यक्ष हरीश दीक्षित, महामंत्री रोमेश, गीता शर्मा सहित सभी मंडल अध्यक्ष, निगम पार्षद और सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित रहे.
भाजपा नेताओं ने इस मौके पर डॉ. मुखर्जी के बलिदान को राष्ट्र के लिए प्रेरणास्रोत बताया और उनकी विचारधारा को आत्मसात करने का संकल्प दोहराया.