नई दिल्ली :- पूर्वी दिल्ली के ईस्ट गुरु अंगद नगर में एक बार फिर अवैध और बिना अनुमति के निर्माण का मामला सामने आया है.
स्थानीय नागरिकों की ओर से दक्षिणी क्षेत्र के एमसीडी अध्यक्ष को दी गई शिकायत में आरोप लगाया गया है एक निजी बिल्डरों द्वारा जारी निर्माण कार्य दिल्ली नगर निगम अधिनियम 1957 और दिल्ली भवन उपविधियों 2016 का खुला उल्लंघन है.
शिकायत में विस्तार से बताया गया है कि संबंधित स्थल पर चार मंजिलें स्टिल्ट पार्किंग के ऊपर बनाई जा रही हैं जबकि भवन उपविधियों के अनुसार केवल चार मंजिलें (स्टिल्ट सहित) की अनुमति है. इस तरह कुल पांच मंजिलों का निर्माण न केवल अनुमत मंजिल सीमा से अधिक है बल्कि फ्लोर एरिया रेशियो (FAR) का भी गंभीर उल्लंघन है.
इसके अलावा भवन में अनिवार्य पार्किंग स्थान की व्यवस्था नहीं की जा रही है जबकि उपविधियों की धारा 8.12 के अनुसार पार्किंग स्पेस उपलब्ध कराना अनिवार्य है. इससे क्षेत्र में ट्रैफिक और सुरक्षा से जुड़ी गंभीर समस्याएं उत्पन्न होने की आशंका जताई गई है.
शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया है कि निर्माण में “बच्चा फ्लैट्स” यानी अप्रूव्ड योजना के बाहर अतिरिक्त फ्लैट्स का निर्माण किया जा रहा है जो कि स्वीकृत प्लान के उल्लंघन की श्रेणी में आता है साथ ही यह क्षेत्र में घनत्व को बढ़ाकर बुनियादी ढांचे पर अतिरिक्त भार डालता है.
सबसे अहम बात यह है कि यह निर्माण कार्य बिना किसी स्वीकृत भवन योजना के किया जा रहा है, जो कि दिल्ली नगर निगम अधिनियम 1957 की धारा 332 और 343 का सीधा उल्लंघन है. इन धाराओं के अंतर्गत किसी भी निर्माण कार्य से पहले अनुमति लेना अनिवार्य है.
स्थानीय लोगों ने एमसीडी और प्रशासन से मांग की है कि अवैध निर्माण पर तुरंत रोक लगाई जाए और जिम्मेदार बिल्डरों पर सख्त कार्रवाई की जाए ताकि क्षेत्र में कानून व्यवस्था और शहरी ढांचे की गरिमा बनी रह सके.