नई दिल्ली :- दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने दो बेटियों की हत्या के मामले में दोषी करार दिए गए और पिछले चार वर्षों से पैरोल कूदकर फरार चल रहे अपराधी को गिरफ्तार कर एक बड़ी कामयाबी हासिल की है.
आरोपी की पहचान 70 वर्षीय हामिदुल्लाह उर्फ बुड्डू खां निवासी पुराना मुस्तफाबाद, दिल्ली के रूप में हुई है, जो वर्तमान में गाजियाबाद के लोनी इलाके में छिपकर रह रहा था.
डीसीपी क्राइम ब्रांच आदित्य गौतम के अनुसार, हामिदुल्लाह को वर्ष 1999 में अपनी ही तीन नाबालिग बेटियों को ज़हर देकर मारने के प्रयास के मामले में गिरफ्तार किया गया था. इस जघन्य वारदात में उसकी दो बेटियों की मौत हो गई थी, जबकि बड़ी बेटी किसी तरह बच गई थी और उसी ने पुलिस को सूचना दी थी.
वारदात की रात यानी 29 जुलाई 1999 को हामिदुल्लाह घर लौटा और तीनों बेटियों को ज़हर वाली कैप्सूल देने लगा. बड़ी बेटी ने जब सवाल किया तो उसने ज़बरदस्ती बाकी दो छोटी बच्चियों को कैप्सूल खिला दिए. बड़ी बेटी ने चालाकी दिखाते हुए कैप्सूल को नहीं निगला और बाद में बाहर जाकर उसे थूका और पड़ोसियों को बुलाया. जब वे लौटे तो आरोपी फरार हो चुका था. अस्पताल ले जाने पर दोनों बच्चियों को मृत घोषित कर दिया गया.
पुलिस ने उसे 31 जुलाई 1999 को गिरफ्तार किया और अदालत में मुकदमा चलने के बाद उसे IPC की धारा 302, 307 और 328 के तहत दोषी ठहराते हुए 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई.
लेकिन सजा के दौरान उसे पैरोल पर रिहा किया गया और वह लौटकर जेल नहीं गया.
चार वर्षों से लगातार फरार चल रहे हामिदुल्लाह को पकड़ने के लिए इंस्पेक्टर सतीन्द्र पूनिया और इंस्पेक्टर सोहनलाल बिजारनिया के नेतृत्व में एसआई मुकेश, एएसआई विनय और कॉन्स्टेबल अमित की टीम लगाई गई.
तकनीकी निगरानी, मैनुअल इनपुट और गुप्त सूचना के आधार पर उसे लोनी गाजियाबाद से गिरफ्तार किया गया, जहां वह बार-बार ठिकाना बदलकर छिप रहा था.
डीसीपी आदित्य गौतम ने कहा कि आरोपी की गिरफ्तारी से न केवल एक लंबे समय से लंबित चुनौतीपूर्ण केस को हल किया गया है, बल्कि न्याय की प्रक्रिया में फिर से भरोसा कायम हुआ है. पुलिस अब आरोपी को दोबारा जेल भेजने की प्रक्रिया में लगी हुई है.