नई दिल्ली:
उत्तर पूर्वी दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी ने जन संघ के संस्थापक डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी के जन्म जयंती पर आयोजित कई कार्यक्रमों में भाग लिया.
इस अवसर पर उन्होंने नवगठित मंडल अध्यक्षों तथा उनके पदाधिकारी को सम्मानित भी किया इस दौरान उनके साथ जिला अध्यक्ष मास्टर विनोद कुमार, डॉक्टर यूके चौधरी, दिल्ली नगर निगम स्थाई समिति की अध्यक्ष सत्या शर्मा, जोन अध्यक्ष पुनीत शर्मा,निगम पार्षद रेखा रानी,पार्षद प्रमोद गुप्ता,भाजपा पूर्वांचल मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष आनंद त्रिवेदी भाजपा नेता चौधरी सुग्रीव सिंह सतबीर शर्मा सहित कई गण मान्य लोग मौजूद रहे.
इस दौरान मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने राष्ट्र की एकता और अखंडता के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया और पद प्रतिष्ठा से जुड़े कई महत्वपूर्ण पदों को त्याग कर निहित से बड़ा राष्ट्रहित को माना.
उन्होंने कहा कि एक देश में दो निशान दो विधान और दो प्रधान की पद्धति का विरोध किया और देशव्यापी आंदोलन का देश की अखंडता के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया.कांग्रेसी विचार ने सत्ता के लिए देश को बांटा इसके विरोध में डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने सत्ता को ठोकर मार दी.
सांसद मनोज तिवारी ने अपने संबोधन में कहा कि डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने एक सपना देखा था जो विचार परिवार की नीति रीति और सिद्धांत से से प्रेरित थी.
जिसके तहत वह चाहते थे कि कश्मीर भारत का अभिभाज्य अंग बने और वहां भी एक विधान एक प्रधान और एक निशान सी शासन प्रणाली हो लेकिन कांग्रेस के शासनकाल में यह सपना पूरा हो न सका उन्होंने कहा कि जब देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में विचार परिवार की सरकार बनी तो धारा 370 और 35 A हटाकर डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के सपनों को साकार किया गया और आज भारतीय जनता पार्टी का हर कार्यकर्ता अपने में तेरा वैभव अमर रहे मां हम दिन कर रहे ना रहे की नियति के साथ राष्ट्रवाद की पूजा और राष्ट्र निर्माण के लिए कार्य कर रहा है.
यह विचार परिवार की कार्य नीति और डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी के सिद्धांत वाली भारतीय जनता पार्टी की पहचान है