MCD शाहदरा साउथ जोन के बजट पर हुई चर्चा, आय बढ़ाने पर जोर, नदारत रहा विपक्ष

Yamunapaar Desk

नई दिल्ली/एस.के.सिन्हा/एम.खान :- दिल्ली नगर निगम के शाहदरा साउथ जोन आगामी वित्तीय वर्ष के बजट को लेकर गहन चर्चा हुई. उपायुक्त बादल द्वारा प्रस्तुत बजट पर पार्षदों ने विस्तार से मंथन किया और निगम की आमदनी और खर्च के बीच बढ़ते अंतर पर गंभीर सवाल उठाए. चर्चा के दौरान कई पार्षदों ने कहा कि निगम की स्थिति ऐसी हो गई है जहां आय अठन्नी और खर्च रुपैया जैसी हालत बनती जा रही है, ऐसे में केवल खर्च पर नहीं बल्कि आय के नए और स्थायी स्रोत विकसित करने पर जोर देना जरूरी है.

शाहदरा साउथ जोन की बैठक में भाजपा के पार्षदों ने सक्रिय रूप से भाग लिया, जबकि विपक्षी आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और इंद्रप्रस्थ विकास पार्टी के पार्षद चर्चा से नदारद रहे. इस पर जोन अध्यक्ष रामकिशोर शर्मा ने कटाक्ष करते हुए कहा कि बजट जैसी महत्वपूर्ण प्रक्रिया से दूरी बनाना विपक्ष की गैर-जिम्मेदाराना सोच को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि निगम का बजट जनता से जुड़ा विषय है और इसमें सभी निर्वाचित प्रतिनिधियों की भागीदारी होनी चाहिए.

बजट चर्चा के दौरान पार्षद संदीप कपूर ने कहा कि सफाई व्यवस्था को मजबूत करने के लिए अतिरिक्त मशीनरी और संसाधनों की जरूरत है. उन्होंने एफटीसीएस सिस्टम को और प्रभावी बनाने, उन वार्डों में भी इसे लागू करने और कूड़ा निस्तारण के लिए अलग से बजटीय प्रावधान की मांग रखी.ताकि कूड़ा और मलवा उठाने के लिए मशीनरी को खरीदा जा सकें.

पार्षद मीनाक्षी शर्मा ने क्षेत्र में लाइसेंसिंग इंस्पेक्टर की संख्या की कमी का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि पर्याप्त संख्या में लाइसेंसिंग इंस्पेक्टर को बढ़ाया जाए ताकि क्षेत्र निगम का आय बढ़े.

मुनेश डेढ़ा ने कहा की पार्कों की स्थिति बेहद ख़राब है. पार्क में पानी तक नहीं है. पार्कों में पानी की व्यवस्था की जाए.

शशि चांदना ने कहा की निर्माण और रखरखाव कार्यों के लिए छोटे उपकरणों और स्किड लोडर जैसी मशीनों की संख्या बढ़ाई जाए, ताकि तंग गलियों और छोटी जगहों में भी काम समय पर हो सके.

नीमा भगत ने कहा की सीएंडडी वेस्ट को एक बड़ी समस्या बताते हुए कहा कि इसके निस्तारण के लिए निगम पार्षद फंड की बजाय अलग से बजट का प्रावधान होना चाहिए और यह जिम्मेदारी सीधे डीसी स्तर पर तय की जानी चाहिए.

पार्षद नीमा भगत ने सुझावों में पर्यावरण विभाग की भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि निगम प्रतिदिन हजारों मीट्रिक टन कचरा उठाता है, ऐसे में एफटीसीएस, कंपैक्टर और आधुनिक तकनीक का बेहतर उपयोग जरूरी है. उन्होंने मलेरिया विभाग के लिए ड्रोन के इस्तेमाल, पीडब्ल्यूडी और एमसीडी मेंटेनेंस बजट को जिला स्तर से संचालित करने और हर वार्ड में हरित क्षेत्रों के विकास की मांग भी रखी.

पार्षद भरत गौतम ने निगम की आय बढ़ाने के लिए पार्किंग, विज्ञापन और लाइसेंसिंग व्यवस्था को सुदृढ़ करने की बात कही, जबकि अलका राघव ने कहा कि बुनियादी सेवाओं के साथ-साथ स्वास्थ्य और स्वच्छता पर बजट में प्राथमिकता तय की जानी चाहिए.

डॉ.मोनिका पंथ ने कहा की क्षेत्र में हो रहे विकास कर्यो की जानकारी निगम पार्षद को दिया जाए साथी उनका भी सुझाव सम्मिलित किया जाए.

डिप्टी चेयरमैन राजू सचदेवा ने अवैध रूप से चल रही पार्किंग पर रोक लगाने की मांग की ताकि निगम के आय के स्रोत को बढ़ाया जा सके.

बैठक के अंत में जोन अध्यक्ष रामकिशोर शर्मा ने कहा कि पार्षदों की ओर से आए सभी सुझावों को गंभीरता से लिया जाएगा और उन्हें बजट में शामिल करने का प्रयास किया जाएगा, ताकि निगम की आर्थिक स्थिति मजबूत हो और जनता को बेहतर सुविधाएं मिल सकें.

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