जाफराबाद में दो सगे भाइयों की अंधाधुंध फायरिंग कर हत्या,

Yamunapaar Desk

नई दिल्ली/एस.के.सिन्हा/एम.खान :- यमुनापार के उत्तर-पूर्वी दिल्ली एक बार फिर गोलियों की तड़तड़ाहट से दहल उठी. जाफराबाद थाना क्षेत्र में सोमवार देर रात दो सगे भाइयों की अंधाधुंध फायरिंग कर हत्या कर दिए जाने की सनसनीखेज वारदात ने इलाके की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. जिस तरह से हमलावरों ने भीड़भाड़ वाले रिहायशी इलाके में ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं, उससे स्थानीय लोगों में दहशत और खौफ का माहौल बन गया है.

यह वारदात ऋषि कर्दम मार्ग स्थित गली नंबर 17 के पास रात करीब 1:30 बजे हुई। मृतकों की पहचान नदीम और फजिल के रूप में हुई है, जो जाफराबाद की कश्मीरी बिल्डिंग के पास रहते थे और आपस में सगे भाई थे. जानकारी के मुताबिक दोनों स्कूटी से अपने बड़े भाई वसीम से मिलने के लिए ब्रह्मपुरी गली नंबर 21 जा रहे थे, जहां उनकी मां रहती हैं। जैसे ही वे गली नंबर 17 के पास पहुंचे, पहले से घात लगाए हमलावरों ने अचानक फायरिंग शुरू कर दी.

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हमलावरों ने 30 राउंड से अधिक गोलियां चलाईं। चंद सेकंड में पूरा इलाका गोलियों की आवाज से गूंज उठा और लोग जान बचाकर घरों में दुबक गए. गोलियां लगते ही दोनों भाई सड़क पर लहूलुहान होकर गिर पड़े. सूचना मिलने पर बड़े भाई वसीम मौके पर पहुंचे और खून से सने दोनों भाइयों को स्कूटी से जग प्रवेश चंद्र अस्पताल ले गए.

परिजनों का कहना है कि नदीम करीब 85 प्रतिशत तक अपाहिज था। वह खुद चलने-फिरने में असमर्थ था और डाइपर का इस्तेमाल करता था.इसके बावजूद हमलावरों ने उसे भी बेरहमी से निशाना बनाया. बताया जा रहा है कि नदीम को 14 से 15 गोलियां लगी थीं और अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो गई.फजिल को भी 15 से 20 गोलियां मारी गईं, जिसने बाद में दम तोड़ दिया.

इस दोहरे हत्याकांड के बाद इलाके में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। हालांकि वारदात के कई घंटे बाद तक पुलिस की ओर से कोई विस्तृत आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है. परिजनों ने हत्या के पीछे पुरानी रंजिश और पहले मिली धमकियों की आशंका जताई है.

फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है, सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं और हमलावरों की पहचान के प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन इस दोहरे कत्ल ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर राजधानी के संवेदनशील इलाकों में आम लोगों की सुरक्षा कितनी सुरक्षित है.

डीसीपी आशीष मिश्रा का कहना है की आरोपियों की पहचान हो गई है. उसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है.

 

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