नई दिल्ली/ एस.के.सिन्हा/एम.खान
राजधानी दिल्ली में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे आने के बाद अब बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में हालात सामान्य होते दिखाई देने लगे हैं. इसी बीच उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी सोमवार को बाढ़ राहत शिविरों में पहुंचे और प्रभावित लोगों से मुलाकात की. हालांकि यह दौरा उस समय हुआ जब यमुना का जलस्तर घट चुका है और प्रभावित लोग राहत शिविरों में अपनी परेशानियों से जूझ रहे हैं.
सांसद तिवारी ने शिविरों में मौजूद परिवारों से बातचीत की, उनकी समस्याएं सुनीं और अधिकारियों को समाधान के निर्देश दिए. उनके साथ विधायक अजय महावर, भाजपा जिला अध्यक्ष डॉ. यू.के. चौधरी, डीएम अजय कुमार, एसडीएम नितेश रावत, निगम पार्षद रेखा रानी और अन्य पदाधिकारी भी मौजूद रहे.
पत्रकारों से बातचीत में तिवारी ने कहा कि इस बार बाढ़ का खतरा बड़ा था, लेकिन दिल्ली सरकार की तैयारी और प्रशासनिक प्रयासों से हालात नियंत्रण में रहे। उन्होंने दावा किया कि हरियाणा से छोड़ा गया पानी यमुना की सफाई और समन्वय से दिल्ली में तबाही का रूप नहीं ले पाया। साथ ही भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को राहत कार्य में लगातार सक्रिय बताया.
हालांकि राजनीतिक हलकों में सवाल उठने लगे हैं कि जब बाढ़ का खतरा चरम पर था, तब सांसद का दौरा क्यों नहीं हुआ। अब जबकि जलस्तर घट चुका है और हालात सामान्य हो रहे हैं, तब जाकर बाढ़ पीड़ितों की सुध लेना कहीं दिखावे की राजनीति तो नहीं है.
आम आदमी पार्टी के नेता मनोज त्यागी ने इस पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि जमुना का जलस्तर जब 207 मीटर से ऊपर था. यमुना के तट पर रहने वाले लोगों को मदद की जरूरत थी. उसे वक्त मनोज तिवारी बिहार के दौर पर व्यस्त है. लेकिन अब जब बाढ़ का पानी कम हो गया. लोगों ने राहत की सांस ली तब मनोज तिवारी फोटो सेशन करने के लिए पहुंचे हैं. मनोज त्यागी ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार ने बाढ़ पीड़ितों के लिए कोई खास इंतजाम नहीं किया. बाढ़ शिविर में रहने वाले लोग परेशान हैं. जबकि अरविंद केजरीवाल के सरकार में बाढ़ पीड़ितों को आर्थिक सहायता भी दी जाती थी.