एस.के.सिन्हा/एम.खान
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में यमुना का जलस्तर एक बार फिर खतरे के निशान को पार कर सकता है. केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष ने सोमवार को चेतावनी जारी करते हुए बताया कि हरियाणा स्थित हथिनी कुंड बैराज से सुबह 9 बजे करीब 3,29,313 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. यह मात्रा तीन लाख क्यूसेक से अधिक है, जो दिल्ली में बाढ़ की आशंका को और गंभीर बना रहा है.
केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष की रिपोर्ट के अनुसार पुराने रेलवे पुल (ओल्ड रेलवे ब्रिज) पर चेतावनी स्तर 204.50 मीटर, खतरे का स्तर 205.33 मीटर और अब तक का सबसे ऊंचा जलस्तर 208.66 मीटर दर्ज किया गया है. अनुमान है कि पानी का स्तर खतरे के निशान को पार कर 206.50 मीटर तक पहुंच सकता है। इसके मद्देनजर केंद्रीय जल आयोग ने भी एडवाइजरी जारी करने की तैयारी की है.
सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग ने सभी सेक्टर अधिकारियों को अलर्ट पर रखा है. उन्हें अपने-अपने क्षेत्रों में संवेदनशील तटबंधों और निचले इलाकों में रहने वाले लोगों की लगातार निगरानी करने के निर्देश दिए गए हैं. जिन स्थानों पर खतरा अधिक है, वहां से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कराने की जिम्मेदारी तय की गई है.
विभाग की टीमें दाएं और बाएं दोनों किनारों पर गश्त करेंगी. संवेदनशील बिंदुओं पर दिन-रात निगरानी रखी जाएगी.साथ ही पंपिंग स्टेशन और रेगुलेटर की स्थिति पर भी पैनी नजर रहेगी ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके.
केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष ने इस चेतावनी की प्रति दिल्ली के उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री कार्यालय को भी भेजी है, ताकि राहत और बचाव कार्यों की तैयारियां समय रहते सुनिश्चित की जा सकें.
विशेषज्ञों का कहना है कि यदि जलस्तर तेज गति से बढ़ा तो दिल्ली के निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति बन सकती है.
इनमें यमुना बाजार, मजनूं का टीला, लोनी, उस्मानपुर, निगम बोध घाट, कुदेसिया घाट, आईटीओ, राजघाट, बदरपुर और कालिंदी कुंज जैसे इलाके सबसे अधिक प्रभावित हो सकते हैं.
प्रशासन ने इन क्षेत्रों में सतर्कता बढ़ा दी है और पुलिस-राजस्व विभाग की टीमें लगातार निगरानी कर रही हैं। वहीं, स्थानीय लोगों से अपील की गई है कि वे नदी के किनारों से दूर रहें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें.