नई दिल्ली l एस.के.सिन्हा/एम.खान
दिल्ली नगर निगम की स्थायी समिति की बैठक में बुधवार को भाजपा पार्षद और निगम अधिकारियों के बीच जमकर नोकझोंक हुई. इस दौरान दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए.
पंकज लूथरा ने लगाया रिश्वतखोरी का आरोप
बैठक में झिलमिल वार्ड के भाजपा पार्षद पंकज लूथरा ने शाहदरा इलाके में पास नक्शे के आधार पर बनाई जा रही इमारत का मुद्दा उठाया. उन्होंने आरोप लगाया कि नक्शा पास होने के बावजूद बिल्डिंग मालिक से निगम अधिकारी रिश्वत की मांग कर रहे हैं और पैसे न देने पर बिल्डिंग तोड़ने की धमकी दी गई है. लूथरा के अनुसार, जब उन्होंने इस संबंध में जूनियर इंजीनियर से बात की तो उन्होंने साफ कहा कि रिश्वत का पैसा ऊपर तक पहुंचता है.
लूथरा ने आगे कहा कि इस मामले की शिकायत करने के लिए उन्होंने शाहदरा साउथ के उपायुक्त बादल कुमार से कई बार फोन पर संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया.
बैठक में भिड़े पार्षद और उपायुक्त
जैसे ही पंकज लूथरा ने यह आरोप बैठक में रखा, उपायुक्त बादल कुमार सफाई देने के लिए खड़े हो गए. इसके बाद दोनों के बीच तीखी नोकझोंक शुरू हो गई और दोनों ने एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए. माहौल बिगड़ने पर कमिश्नर अश्वनी कुमार ने दखल दिया। लेकिन उन्होंने बादल कुमार का पक्ष लेते हुए कहा कि किसी भी अधिकारी को ब्लैकमेल नहीं किया जा सकता और अधिकारियों को अपने ऊपर लगे आरोपों का जवाब देने का पूरा हक है.
अध्यक्ष ने दी चेतावनी
बैठक के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के पार्षद चुपचाप बैठे तमाशा देखते रहे और किसी ने दखल नहीं दिया. अंत में स्थायी समिति की अध्यक्ष सत्या शर्मा ने अधिकारियों को चेतावनी दी कि पार्षदों का फोन जरूर उठाएं और अगर उस समय व्यस्त हों तो बाद में कॉल बैक अवश्य करें.